उत्तराखंड उद्यान विभाग घोटाला कांग्रेस ने प्रदेश सरकार का फूंका पुतला
सीबीआई कर रही है जांच

कोटद्वार : आज दिनांक 15जून 2024 को महानगर कांग्रेस कमेटी कोटद्वार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झंडा चौक में उत्तराखण्ड में हुए उद्यान विभाग में घोटाले के खिलाफ़ प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया, साथ ही उद्यान मंत्री गणेश जोशी के तुरंत इस्तीफे की मांग की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार की शह में भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला किया गया, फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ियां की गई। नर्सरी के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया,15 लाख पौधे लगाने के बहाने 70 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गए ,महंगे दामों पर बीज खरीदे गए, विभाग ने एक ही दिन में वर्कऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया है. जिसका भुगतान भी कर दिया गया है.सबसे बड़ी बात तो ये थी कि जिस कंपनी से पौधे खरीदवाना दिखाया, उसे लाइसेंस ही उसी दिन मिला था जिस दिन खरीद हुई, यही नहीं बिना लेखाकार के हस्ताक्षर के ही करोड़ों के बिल ठिकाने लगा दिए गए. ये एक बहुत बड़ा घोटाला है और सरासर जनता के पैसे का दुरुपयोग है। कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है। पुतला दहन करने वालों में महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय मित्तल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीन रावत, यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय रावत, सेवादल के महानगर अध्यक्ष महावीर सिंह रावत, विजय नारायण सिंह,धर्मपाल सिंह बिष्ट, बृजपाल सिंह नेगी,महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सुधा असवाल,जितेंद्र सिंह बिष्ट, शूरवीर सिंह खेतवाल, सूरभान सिंह नेगी, विनोद सिंह बिष्ट, धर्मेन्द्र सिंह रावत, उपेन्द्र सिंह नेगी, दिलीप सिंह रावत, राजन चार्ल्स, देवेंद्र, सुनील दत्त सेमवाल, जितेंद्र भाटिया, सुरेन्द्र सिंह नेगी, राजेंद्र असवाल, सरदार महेंद्र सिंह, कुलवंत पुंडीर, पंकज, चंद्रमोहन सिंह आदि कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
क्या है मामला:
अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती, गोपाल उप्रेती व अन्य ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया था। याचिकाओं में कहा गया है कि उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला किया गया है। फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ियां की गई है। विभाग ने एक ही दिन में वर्कआर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया है। जिसका भुगतान भी कर दिया गया है। पूरे मामले में वित्तीय व अन्य गड़बड़ी की सीबीआई या फिर किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाने की मांग थी,