Wednesday 02/ 07/ 2025 

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कोटद्वार नगर निगम चुनाव में शैलेन्द्र रावत की बड़ सकती हैं मुश्किलें

कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी में हैं जनता की निगाहें

कोटद्वार नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए भाजपा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है, जहां एक तरफ अपने दम खम से निर्दलीय मेयर प्रत्याशी महेंद्र पाल सिंह रावत भाजपा के वोट बैंक में सेंध मारने को तैयार हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने एक महिला को नगर निगम में मेयर प्रत्याशी बना कर भाजपा मेयर प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं,

देखें 👉 क्या बोले पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा मेयर प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत

आपको बता दें 2007 में भाजपा से कोटद्वार विधान सभा में विधायक रहे शैलेन्द्र रावत एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं, 2012 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने से निष्कासन झेल चुके शैलेन्द्र रावत ने दल बदल कर कांग्रेस का दामन थामा फिर अपनी दिशा यमकेश्वर विधान सभा की तरफ करी जहां वो 2017 का चुनाव ऋतु खंडूरी भूषण (भाजपा) से हारे जो कोटद्वार से वर्तमान विधायक और उत्तराखंड सरकार में विधान सभा अध्यक्ष हैं उसके बाद 2022 का चुनाव रेनू बिष्ट (भाजपा) से हारे, हार के बाद कांग्रेस में द्वंद और भाजपा में अपनी आत्मा बताने वाले शैलेन्द्र रावत ने फिर दल बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया और मेयर प्रत्याशी बन एक बार फिर से नगर निगम चुनाव में अपनी जंग लड़ेंगे, गौर करने वालीं बात ये रही कि मंडी समिति के अध्यक्ष सुमन कोटनाला , गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अन्थवाल, प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला, पूर्व में विधान सभा प्रभारी राज गौरव नौटियाल और जिला अध्यक्ष वीरेंद्र रावत जैसे भाजपा के दिग्गज नेताओं को दर किनारे करते हुए नगर निगम चुनाव में मेयर का टिकट लाकर फिर से चर्चाओं में आए शैलेन्द्र रावत कांग्रेस की प्रत्याशी रंजना रावत के सामने होंगे, जो कहीं न कहीं रोमांचकारी होगा, वहीं निर्दलीय मेयर प्रत्याशी पूर्व सैनिक महेंद्र पाल सिंह रावत भी कहीं न कहीं भाजपा की वोट बैंक में सेंध मारते हुए नजर आएंगे, इस त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा की स्थिति 2018 में हुए नगर निगम चुनाव जैसी होती नजर आ रही हैं,यू तो शैलेन्द्र रावत को जमीनी और कार्यकर्ताओं का नेता माना जाता है पर क्या वो इस बार दो महिलाओं से हारने के एक तीसरी महिला से चुनाव जीत पाएंगे ये जनता के रुझान में निर्भर रहेगा,

आपको बता दें नगर निगम में कांग्रेस पार्टी द्वारा मेयर प्रत्याशी बनाई गई रंजना रावत 2018 के नगर निगम चुनाव में एक दावेदार थी लेकिन कांग्रेस हाई कमान ने पूर्व विधायक कोटद्वार रहे सुरेंद्र सिंह नेगी की पत्नी हेमलता नेगी में अपनी सहमति बनाते हुए रंजना रावत का टिकट काट दिया था जिस कारण रंजना रावत के समर्थकों में निराशा थी,इस बार वो मेयर पद के लिए टिकट लाने में सफल हुई लेकिन क्या पूर्व विधायक कोटद्वार रहे सुरेंद्र सिंह नेगी अपना आशीर्वाद रंजना रावत को देंगें ये बड़ी बात होगी, क्योंकि बिना सुरेंद्र सिंह नेगी के रंजना रावत की राह भी आसान नहीं होगी,अगर सुरेंद्र सिंह नेगी अपना सहयोग रंजना रावत को देते हैं तो भाजपा प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, अब देखने वालीं बात ये होगी क्या शैलेन्द्र रावत एक तीसरी महिला प्रत्याशी से जीत दर्ज कर पाएंगे,ये तो 25 जनवरी को नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा,

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